Home / Uncategorized / बच्चों को टेक्नोलॉजी का कितना और किस हद तक इस्तेमाल करने देना चाहिए?
ऐसा लगता है कि आजकल बच्चे पहले की तुलना में कम उम्र से ही स्मार्टफोन, लैपटॉप, कैलकुलेटर और वर्चुअल गेम्स जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं। बस किसी भी प्लेग्राउंड के चारों ओर एक नज़र दौड़ाएं, आपको स्मार्टफोन और गेमिंग कंसोल का उपयोग करते छोटे बच्चों नज़र आ ही जायेंगे। बच्चों का जरुरत से ज्यादा टेक्नोलोजी का उपयोग करना तुलनात्मक रूप से हाल के समय में आम सी बात हो गयी है।
हालांकि, मुझे यह मुझे उतना आश्चर्यजनक नहीं लगता है। विद्यालयों में उपयोग की जाने वाली टेक्नोलॉजिकल उपकरणों को छोड़कर हर दूसरी तकनीक, बच्चे को उनके माता-पिता या रिश्तेदारों द्वारा ही दिखाया जाता है और इसलिए यह नियंत्रित करना पेरेंट्स के लिए बेहद आसान सा काम है कि वे उन उपकरणों पर कितना समय बिताते हैं या फिर उन्हें उस तकनीकी चीज़ का उपयोग करना चाहिए भी या नहीं, क्योंकि इन सब से बच्चों की सीखने की प्राकृतिक लय को नुकसान पहुंचा सकता है।
यह कुछ ऐसे तकनीकी उपकरण हैं जो आम तौर पर आपके घर में उपलब्ध होते हैं। सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे उनमें से किसी भी उपकरण का जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल तो नहीं कर रहे हैं।
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तकनीकी रूप से बच्चों के लिए सबसे खराब उपकरण है एक कैलकुलेटर। आज के बाजार में उपलब्ध सबसे सस्ती टेक्नोलॉजी होने के बावजूद, बच्चों द्वारा इस्तेमाल करने से उनके मैथ्स के बुनियादी गुर सीखने की उनकी क्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि कैलकुलेटर चुटकी में मैथ्स के जवाब दे सकता है, वे अगर बचपन में ही कड़ी मेहनत से झिझकेंगे तो यह आगे जाकर उनके लिए खतरनाक हो सकता है। घर में कैलकुलेटर का उपयोग केवल पेरेंट्स तक ही सीमित होना चाहिए।
शुरुआत में स्मार्टफोन एक तकनीकी चमत्कार था, यह छोटा सा डिवाइस एक मिनी कंप्यूटर, कैमरा और गेमिंग कंसोल सबका काम कर सकता है। लेकिन स्मार्टफोन का एक मुख्य नुकसान यह है कि वयस्कों को भी इसकी लत सी लग जाती है। आपके व्यस्त होने की स्थिति में आप उन्हें समय नहीं दे पाते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है की आप अपना स्मार्टफोन उन्हें इस्तेमाल करने दें और ऐसा करने से पहले दुबारा सोचें । सभी तकनीकों में से आपका स्मार्टफोन बच्चों के लिए सबसे खतरनाक हो सकता है। अपने बच्चों को स्मार्टफोन का उपयोग सिखाना अच्छी बात है लेकिन सुनिश्चित करें कि वे हर समय फ़ोन में गुम ना रहें।
खराब मौसम की स्थिति में या जब बच्चे बहुत चिड़चिड़े होते हैं तब ऐसी चीज़ का होना अच्छा हो सकता है। लेकिन इस तकनीक को आपके घर में पकड़ ज़माने की इजाजत कभी ना दें, क्योंकि इसके अधिक इस्तेमाल से बच्चों को बाहर के खेल कभी पसंद नहीं आएंगे जिसके वजह से उनकी समाजीकरण पर प्रभाव पड़ सकता है । वर्चुअल गेम्स बच्चों को एक आभासी दुनिया में ले जाते हैं जो वास्तविकता से परे होती है। उन्हें इसकी लत न लगे इसलिए एक दिन में गेम्स खेलने का समय निर्धारित कर दें। यह बच्चे पर इसके खराब प्रभाव को रोकने में मदद करेगा।
आम तौर पर कंप्यूटर की बुनियादी शिक्षा स्कूल में दी जाती है, कंप्यूटर का निर्देशित उपयोग करना बच्चे के लिए शैक्षिक वीडियो देखने और होमवर्क पूरा करने में बहुत मददगार हो सकता है। इसके साथ ही इंटरनेट कनेक्शन होना उनके लिए बहुत उपयोगी हो सकता है लेकिन आप ये सुनिश्चित करें कि आपके कंप्यूटर पे एंटीवायरस हो जो वेबसाइट्स पर पैरेंटल कण्ट्रोल दे क्योंकि ऐसी कई वेबसाइटें हैं जो बच्चों को नहीं देखनी चाहिए।
पेरेंट्स के लिए एक सलाह –
हालांकि टेक्नोलॉजी आपके बच्चों को अद्भुत संभावनाएं प्रदान कर सकती है, फिर भी इसके जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल से स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव पड़ता है। जबकि आप अपने बच्चों को समय सीमा निर्धारित करने के लिए प्रेरित करते हैं,आपको भी उनको एक बेहतर उदाहरण देने के लिए प्रयास करना चाहिए।
चित्र श्रोत – Pexels, Pixabay, Maxpixel.
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