डोली की रोटी नाम सुनते ही आप सब के मन में जिज्ञासा उठी होगी कि ये तो कचोरी लग रही है और नाम है रोटी । ये पंजाब प्रांत के मुल्तान शहर (जो अब पाकिस्तान में है) की पारंपरिक रोटी है जिसे बड़ी नज़ाकत व नफासत से बनाया जाता है ।इसके आटे को पारंपरिक तरीके से खमीर उठा कर भरवाँ कचोरी का रूप देकर तला जाता है ।इस रोटी को आप हफ्ते दस दिन तक रख भी सकते हैं ,सफर में साथ रखिये और अचार के साथ खाइये ,दाल वाली रोटी आलू वाली रोटी ,गुड़ वाली रोटी कैसी भी आप बना सकते हो । बच्चे व बड़े सभी को इस रोटी के बनने का इंतज़ार रहता है क्यूँकि जब एक घर में डोली की रोटी का आटा बनाया जाता है तो वो सारे मुहल्ले सगे -संबंधियों को दिया जाता है वो फिर उस ख़मीर उठे आटे के पेड़े से और आटा गूंध कर अपने घर के लिए रोटी बना सकते हैं ।ये मेरी माँ की रेसिपी है जो मैंने उनसे सीखी औऱ अब ये मेरी पसंदीदा डिनर रेसिपी बन गई है ।
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