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बेटी के पहले पीरियड्स और माँ का रोल  

महिलाओं को पीरियड्स होना एक प्राकृतिक क्रिया है लेकिन इस पर सार्वजनिक रूप से बात करने से  आज भी लोग संकोच करते हैं। हमारी बेटियों को जब पीरियड्स की शुरुवात होती है तो उचित जानकारी के अभाव में कई तरह की दिक्कतों और परेशानियों का सामना करना पड़ता है। क्या ऐसे में क्या ये एक मां की जिम्मेदारी नहीं कि वो अपनी बेटी की इन परेशानियों को दूर करने में मदद करे और इस प्राकृतिक प्रक्रिया पर खुलकर बताए कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं? अगर आप भी एक युवा होती बेटी की मां हैं और इस दुविधा में हैं कि पीरियड्स के बारे में उसे कैसे एजुकेट करें तो आपके लिए हमारे पास हैं कुछ बेहतरीन सुझाव।

 

1.अच्छी किताबें –

मासिक धर्म के बारे में कई ऐसी किताबें बाज़ार में उपलब्ध हैं जो इस दौरान बच्चों की मानसिक स्थिति को ध्यान में रखकर लिखी जाती हैं। ऐसी कोई भी किताब जो इस विषय पर पूरी और गहरी जानकारी को सरलतम भाषा में समझाने का काम अच्छे से कर सके, उसे खरीद कर अपनी बेटी को पढ़ने के लिए दें और उसे कहें कि जो भी बात उसकी समझ में ना आए उसे वह माँ के साथ डिस्कस करे।

 

2.टेलीविज़न को बनाएँ माध्यम –

आजकल अक्सर साथ बैठ कर टीवी देखते हुए कई बार सैनेटरी नैपकीन का विज्ञापन आ जाता है। ऐसे में उसे नजरअंदाज ना करें और साधारण तरीके से पूरा विज्ञापन देखें। अगर आपकी बेटी के मन में उससे संबंधित कोई सवाल हैं तो उसे सही तरीके से समझाएं। किसी मैगजीन या अखबार में छपी ऐसी किसी भी बात को अपनी बेटी से छिपाने की कोशिश ना करें और उसे सेनेटरी नैपकीन की आवश्यकता और युवावस्था के इस शारीरक बदलाव के बारे में समझाएँ।

 

3.कुछ और क्रिएटिव तरीके –

आप अपनी युवा होती बेटी को किसी खास मौके पर जैसे कि डौटर्स डे या उसके जन्मदिन पर एक स्पेशल उपहार अपनी तरफ से दें जिस में पीरियड्स से संबंधित कई सारी चीज़ें जैसे कि एक पुस्तक, एक सेनेटरी नैपकीन का पैकेट और टेंपून इत्यादि रखा हो। इसके साथ ही आप उसके लिए एक पर्सनलाइज्ड लेटर भी लिख के रख सकती हैं जिसमें आप अपने अनुभव बताएं और उसे यह मार्गदर्शन दें कि इस शारीरिक बदलाव के दौर में उसे किन किन चीजों को समझने की ज़रूरत है। साथ ही यह भी कि आप हर मुश्किल में उसके साथ हैं।  

 

4.क्या सावधानियाँ हैं ज़रूरी –

अपनी बेटी को अपनी पहली डेट के लिए मानसिक रूप से तैयार होने में मदद करें। यह समझना भी ज़रूरी है कि मासिक धर्म आपकी उम्मीद से जल्दी शुरू हो सकता है। एक बार बेटियों के स्तनों का विकास शुरू हो जाने के बाद माँ को इस बारे में अपनी बेटी को उन सावधानियों के बारे में भी बताना चाहिए जो उसके लिए जानना बहुत ज़रूरी है। जैसे कि उसके पहले मासिक चक्र से कई महीने पहले कुछ तरल पदार्थ उसकी योनि से बह सकता है जोकि बिना किसी रंग का या सफेद हो सकता है। ऐसा होने पर माँ को अवश्य बताएं। स्वच्छता पर भी बात करें और यह बताएं कि दिन में कई बार उसे अपने पैड या टैंपून बदलने की आवश्यकता है और यह भी कि टैंपून को रात भर नहीं पहना जाना चाहिए और साथ ही उसके लिए नहाना और अपने शरीर को साफ रखना कितना ज़रूरी है।

 

याद रखें यह आपकी बेटी के जीवन का वह महत्वपूर्ण मोड है जब वह बचपन से युवा होने जा रही है और इस सफर में आप उसकी सबसे अच्छी दोस्त का रोल निभा सकती हैं। यकीन मानिए आपके इस सपोर्ट और प्यार को वह जीवनभर नहीं भूलेगी।

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