Home / Women Health Tips in Hindi / महिलाओं के लिए पाप स्मीयर टेस्ट क्यों ज़रूरी है
गर्भाशय का कैंसर तब होता हैं जब उसके अंदर की कोशिकाएं अपने वास्तविक आकर से कुछ बढ़ जाती हैं। इसे कहीं कहीं लोग बच्चेदानी का कैंसर भी कहते हैं। इसके होने की संभावना अक्सर 50 वर्ष या उससे अधिक उम्र की औरतों में ज्यादा होती है। आजकल महिलाओं में यह कैंसर काफी आम हो गया है।
अगर हम कारणों की बात करें तो गर्भाशय के कैंसर के कोई विशेष कारण नहीं होते हैं। यह किसी भी आम कारण की वजह से हो सकता है।
इनके कारणों में कुछ हैं,
1) अनुवांशिक
2) मोटापा
3) मासिक धर्म का जल्दी शुरू होना
4) मीनोपॉस का देर से होना
5) धूम्रपान
6) हाई ब्लड प्रेशर या हाई शुगर
7) हार्मोनल परिवर्तन
यूँ तो कहा जाता हाई की कैंसर का इलाज बहुत ही मुश्किल है मगर एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके जरिये हम इस कैंसर से बच सकते है, वो है पैप स्मीयर प्रक्रिया।
पैप स्मीयर टेस्ट क्या है?
महिलाओं में पैप स्मीयर टेस्ट बेहद ही जरूरी है। इस टेस्ट में गर्भाशय की कुछ कोशिकाओं को लेकर उनकी जांच की जाती है। फिर इन कोशिकाओं को माइक्रोस्कोप से देखकर यह पता लगाया जाता है कि कहीं ये कैंसर से ग्रस्त तो नहीं हैं। यदि वे कैंसर ग्रस्त हैं तो किस स्टेज पर है। इसको करवाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना होता है और सारी स्थिति को मद्देनज़र रखते हुए ही टेस्ट करवाना चाहिए।
इसे करवाने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें:
किस उम्र में आपको पाप स्मीयर करवाना चाहिए ?
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पैप स्मीयर टेस्ट कराने से गर्भाशय के कैंसर का पता चलता है और यदि इसके बताये अनुसार नियमित जांच करायी जाये तो इस कैंसर के कारण बढ़ रही मौतों की संख्या को कम किया जा सकता है। तो आइये हम सब ये टेस्ट नियमित रूप से करवा कर कैंसर के खिलाफ एक लड़ाई लड़ें और इससे जीत कर दिखाएं।
चित्र श्रोत: health.mil, Wikimedia Commons
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