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माँ के मन की बातें जिनसे बच्चे अनजान रहते हैं

Parul Sachdeva | जून 5, 2018

मैंने माँ से पूछा “कब तक मुझे अपने कंधो पर सोने दोगी”? माँ ने कहा – “बस तब तक जब तक लोग मुझे अपने कंधो पर ना उठा लें ”

कहते है ज़िन्दगी में सब का अंत हो सकता है लेकिन माँ के प्यार का कोई अंत नहीं | लेकिन हम सब कितने स्वार्थी है ना क्योंकि हम सब अपनी माँ से प्यार लेना जानते है पर क्या कभी अपनी माँ के अंदर बह रही अनगिनत भावनाओं के बारे में सोचा है? आज क्यों न बिना कुछ बोले अपनी माँ को सुने –

माँ होने का सफर आसान नहीं क्योंकि दर्द में भी अपने होठों पर अपने बच्चों के लिए दुआ रखना सबके बस की बात नहीं –

 

1. माँ ख़ुशी जानती है

माँ की ख़ुशी की कोई सीमा नहीं होती जब वो पहली बार अपनी ज़िन्दगी को गले लगाती है, कितने महीनों की  बेचैनी, दर्द और इंतज़ार एक पल में ख़त्म हो जाता है जब वो अपने बच्चे को गले का हार बनाती है |

 

2.माँ डर से भी वाकिफ है

जितनी ख़ुशी उसे मिलती है उसे डर का रूप लेने में ज्यादा वक़्त नहीं लगता | क्योंकि अब उसका बच्चा चलना सीख रहा है- उसके कदम लड़खड़ाते बाद में हैं, माँ डर पहले जाती है | रिश्तो में मिलावट, कच्चे रंगो की सजावट सब देखा लेकिन माँ के चेहरे पर ना थकावट और ना ही उसके प्यार में मिलावट देखी !

 

3.माँ थकान से मिली है लेकिन मुझे ना मिलवाया

कितनी ही रातें माँ ने जागते हुए काटी हैं,  कभी न ख़त्म होने वाले घर के कामों को किया है और वो भी लगातार बिना रुके ठीक उसी स्पीड से!

 

4.माँ गर्व को भी पहचानती है

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है माँ गर्व को भी पहचानने लगती है| वो गर्व महसूस करती है जब उसका बच्चा स्टेज पर खड़ा होता है, वो हर बार गर्व महसूस करती है जब वो बच्चे की रिपोर्ट कार्ड को हाथ में लेती है, यहाँ तक की उसका पूरा ड्रेसिंग टेबल और अलमारी अपने बच्चे के बनाये हुए ग्रीटिंग कार्ड और स्कूल के कामों से सजा होता है | अपने बच्चे की छोटी-छोटी सफलताओं को अपनी उपलब्धि मानती है |

5.माँ की असफलता से भी भेंट हुई है

माँ असफलता को भी अच्छे से जानती हैं जब उसका बच्चा गलत व्यवहार करता हैं तो कई बार माँ को लगता है कि कही कुछ कमी रह गयी | या फिर जब बच्चा पढाई में पीछे रह जाता है तो उसे लगता है कि कही माँ के फ़र्ज़ में असफल तो नहीं लेकिन वही भावना कुछ समय में बदल भी जाती है जब वही बच्चा कान पकडे सॉरी कहने आता है या फिर उसकी टीचर उसके म्यूजिक में निपुण होने की वाह-वाही करती है|

 

6.माँ ने निराशा और दुख का भी सामना किया है

जब माँ का कोई भी बच्चा किसी भी वजह से सुखी नहीं होता तो माँ दुखी हो जाती है | माँ सोचती है की अपनी ज़िन्दगी न्योछावर कर दूँ अपने बच्चे की ज़िन्दगी सवांरने के लिए |

 

7.माँ ने आशा की किरण को भी देखा है

वो निराशा ज्यादा समय तक माँ को परेशान नहीं कर सकती क्योकि उसमे शक्ति ही इतनी है कि हर बार बात का हल है उसके पास |

 

8.और प्यार वो तो माँ का सच्चा साथी है

माँ का दिल, दिमाग और शरीर सब कुछ प्यार से बना है | माँ के पास इतना प्यार है कि खेल खेलते है जब कोई, माँ भी बच्चा बन जाती है, सवाल अगर कोई न आता, टीचर बनकर पढ़ाती है |

 

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Parul Sachdeva

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