Home / Women Health Tips in Hindi / क्यूँ होने लगती है योनि में बार बार खुजली
शरीर में किसी भी स्थान पर खुजली या त्वचा के लाल होने जैसी परेशानी हो सकती है लेकिन योनि या वेजाइना में ऐसा कुछ होना एक बड़ी परेशानी बन जाता है क्यूंकि यह जगह इतनी नाज़ुक होती है कि खुजली मिटाने के लिए आप ज्यादा कुछ नहीं कर सकते। इससे से भी ज्यादा निराशाजनक यह बात है कि आपको ज़्यादातर वक़्त यह पता ही नहीं होता कि इस बार बार होने वाली खुजली का कारण क्या है। यहां हम आप को कुछ ऐसे संक्रमणों के बारे में बताएँगे जो आपकी इस परेशानी का कारण हो सकती हैं और यह भी कि इस मामले में आप अपनी देखभाल कैसे करें।
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इसका कारण योनि के अंदर एक तरह के जीवाणु का ज़रूरत से ज्यादा पैदा होना और योनि में पीएच के स्तर का असंतुलित हो जाना होता है। केवल खुजली ही इसका पहला लक्षण नहीं पर योनि से आने वाली एक असामान्य गंध, जलन और अप्राकृतिक स्राव इसका पहला लक्षण हो सकते हैं। इसके इलाज़ के लिए योनि के पी एच संतुलन को ठीक करने के लिए ओपीसी दवा का प्रयोग किया जाता है जोकि खराब बैक्टीरिया को खत्म कर देती है। यदि इससे बात न बने तो आपका डॉक्टर एंटीबायोटिक्स दे सकता है।
एक्जिमा और सोरायसिस जैसी त्वचा की बीमारियाँ किसी तरह की एलर्जी या ऑटोइमम्यून कारण से हो सकती है। एक्जिमा अक्सर कोहनियों के अंदर के फ़ोल्ड में और सोरायसिस वेजाइना पर भी पाया जा सकता है। अगर आप पहली बार लाल धब्बों के जैसे चकत्ते अपने शरीर पर देख रहे हैं तो अपने डॉक्टर के साथ तुरंत अपॉइंटमेंट लें।
कभी कभी नए उत्पाद जैसे हमारी त्वचा को रास नहीं आते और खुजली या जलन जैसी परेशानी पैदा कर देते हैं उसी तरह योनि के साथ भी यह बात हो सकती है। साबुन, डिटर्जेंट, और बाथ ज़ैल या एक नए तरह के फैब्रिक से बना हुआ अंडरवियर तक आपकी योनि के संपर्क में आने पर खुजली का कारण बन सकते हैं। इसलिए अगर आप योनि की खुजली से परेशान हैं तो यह ज़रूर सोचिए कि आपने हाल ही में किसी नए उत्पाद का प्रयोग करना तो शुरू नहीं किया है? इस लिस्ट में सेनेटरी पैड, टैम्पून, कंडोम, शेविंग उत्पाद, और यहां तक कि टॉयलेट पेपर तक को शामिल किया जा सकता है। यदि ऐसा है तो उस उत्पाद के प्रयोग को बंद करें और फिर नतीजा देखें।
योनि के संक्रमण के बारे में पहले ख्याल आता है कैंडिडा फंगस का। एक दही जैसे टेक्सचर का स्राव, योनि के अंदरूनी भाग में चारों ओर लाली और तेज़ खुजली सभी इस संक्रमण के गंभीर संकेत हैं। चिकित्सक मानते हैं कि लगभग एक तिहाई महिलाएं जिन्हें योनि में खुजली और जलन की समस्या है उन्हें यीस्ट इन्फेक्शन होता है। इसे जानने का तरीका है ओटीसी उपचार जैसे मॉनिस्टैट का उपयोग करना। अगर यह पॉज़िटिव आता है तो इसके लिए एनटीबायोटिक्स द्वारा उपचार किया जाता है।
योनि की खुजली अधिकांश मामलों में एसटीडी का पहला लक्षण नहीं माना जाता लेकिन यह पहला संकेत हो भी सकता है। खुजली से शुरू हो कर यह जलन, दर्द के साथ पेशाब आना, दुर्गंधपूर्ण स्राव और यहाँ तक कि जननांगों पर घाव और दर्दनाक सहवास तक पैदा कर सकता है जिसके लिए आपको तुरंत ही अपने चिकित्सक से मिलना चाहिये। जेनिटल वार्ट्स या मस्से भी एक प्रकार के लो रिस्क एचपीवी से होने वाला एसटीडी है और सहवास के दौरान महिला की योनि में संक्रमण होने से खुजली और जलन की परेशानी दे सकता है।
जिस रास्ते से यूरिन शरीर से बाहर आती है उसमें होने वाले संक्रमण को यूरिनरी ट्रेक इन्फेक्शन या यूटीआई कहा जाता है जो एक जीवाणु संक्रमण है जो गुर्दे, मूत्रमार्ग या मूत्राशय में कहीं भी हो सकता है और आम तौर पर निचले पेट में दर्द, बार बार पेशाब जाने की इच्छा और पेशाब करते हुए एक तेज़ जलन जैसी परेशानियाँ पैदा करता है। यूटीआई की स्थिति में आपको अपने डॉक्टर से मिलने की और इस संक्रमण से संबन्धित बैक्टीरिया की उपस्थिति की जांच करने की आवश्यकता होती है।
आपके मासिक धर्म चक्र के दौरान आपके हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव आता है और आप सामान्य की तुलना में सूखी योनि महसूस कर सकते हैं जो खुजली का कारण बनती है। पेरीमीनोपौज़ (जोकि वास्तव में रजोनिवृत्ति शुरू होने से पहले की अवधि है) में एस्ट्रोजेन में गिरावट के कारण योनि में सूखापन और खुजली एक आम बात है। एक ओटीसी मॉइस्चराइज़र से इसमें राहत मिल सकती है तथा योनि में बाहरी खुजली के लिए आपका चिकित्सक आपको एस्ट्रोजेन क्रीम लगाने की सलाह भी दे सकता है।
चित्र स्त्रोत: Public Domain Pictures, Pixabay, Wikipedia, uttarpradesh.org, flicker, chandigarhcitynews.com
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