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Rules and Method of Navratri Fasting in Hindi- नवरात्रि व्रत के फायदे और नियम, जानें
Parul Sachdeva | मार्च 17, 2023
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नवरात्रि का त्यौहार आने वाला है! पूजा, व्रत और सजो-सज्जा का सामान बेचने में हर दुकानदार की होड़ लगी होगी और मार्केट में तो पैर रखने की जगह नहीं मिलेगी। ये नौ रातों का संगम है ही इतना पावन। कहते हैं जो नवरात्रों में व्रत रखता है उसका मन, शरीर यहां तक कि आत्मा भी शुद्ध हो जाती है। उपवास रखने के और भी कई फायदे हैं लेकिन इन नवरात्रों में व्रत रखने के दौरान कुछ नियमों का पालन करना भी उतना ही जरूरी है।
व्रत रखने के फायदे:
जब आप उपवास रखते हैं तो मां दुर्गा खुश हो जाती हैं और घर में सफलता और समृद्धि का वरदान लाती हैं।
इन व्रत के दौरान आप बहुत सी ख़राब आदतों और चीजों से भी दूर होते हैं जैसे शराब, सिगरेट और नॉन वेज तभी तो कहा जाता है कि शरीर की शुद्धि हो गयी। ऐसा माना जाता है कि माँ दुर्गा ने खुद अपने एक भक्त को उपवास के तौर-तरीकों से अवगत किया था।
नवरात्रि तब शुरू होती है जब मौसम में बदलाव आता है और इस बदलाव के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक असर होते हैं। जब आप व्रत रखते हैं तो ये आपकी एनर्जी को संतुलित रखता है और माँ दुर्गा से आपको जोड़ता है।
व्रत के नियम:
नवरात्रि व्रत का आपके शरीर और दिमाग पर बिल्कुल सीधा असर होता है इसीलिए निम्न नियमों का पालन अवश्य करें:
काले रंग के कपड़े ना पहने क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
नवरात्र में माता के कलश के साथ जौ के पौधे को रोपा जाता है, जिसे खेत्री भी कहा जाता है। माना जाता है जब सृष्टि की शुरुआत हुई तो पहली फसल जौ की थी इसलिए इसे माता रानी को अर्पण किया जाता है। खेत्री के मटके के चारो ओर माता रानी की मौली बांधना शुभ माना जाता है। बहुत से लोग अष्टमी या नवमी से पहले घर में कढ़ाई नहीं रखते।
छोटे बच्चे, बूढ़े, स्तनपान कराने वाली माताएं और गर्भवती महिलाएं पूरे 9 दिन के व्रत ना रखें क्योंकि इससे उनकी सेहत पर बुरा असर हो सकता है।
प्याज, लहसुन, मीट, शराब, अंडा, सादा नमक, धूम्रपान और कुछ निषेध मसालों से दूर रहे।
व्रत के दौरान ज्यादा पानी और पेय-पदार्थों का सेवन करें।
सुबह जल्दी उठ, नहा धो कर साफ़ सुधरे कपडे पहने।
सुबह व्रत शुरू होने से पहले और शाम को व्रत तोड़ने से पहले पूजा करें।
नाख़ून या बाल ना काटे और हज़ामत भी ना बनवाये।
पुरुष हो या महिला, व्रत कोई भी रख सकता है और आप अपनी मर्ज़ी के अनुसार जितने दिन व्रत रखना चाहे रख सकते हैं। व्रत जोड़े में रखें तो बेहतर।
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