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नो-एग प्रोडक्शन का इन नुस्खों से इलाज करें

Sonal Sardesai | अक्टूबर 4, 2018

क्योंकि अधिक मात्रा में ओवुलेशन से जुड़ीं कई समस्याएं सामने आ रहीं हैं, महिलाओं को अपनी फर्टीलिटी को लेकर बेहद चिंतित होना स्वाभाविक है। मूल रूप से जन्म के समय से ही हर महिला के अंडाशय में अंडे मौजूद होते हैं। कोख में रहते समय हर औरत के अंडाशय में 5 मिलियन अंडे मौजूद होते हैं। एक जीवन काल में यह अंडाशय में मौजूद अण्डों की सर्वोत्तम संख्या है। एक लड़की जब यौवन रूप धारण करती है, उनके हॉर्मोन्स बदल जाते हैं और यह अंडे परिपक्त हो जाते हैं। परिपक्त अंडा हर महीने ओव्यूलेशन के लिए तैयार हो जाता है।

लेकिन, एक स्त्री की उम्र जितनी बढ़ती जाती है, उसकी गर्भ धारण करने की सम्भावना उतनी ही घटती जाती है। यह इसलिए होता हैं क्योंकि हालांकि एक स्त्री के अंडाशय में कई मिलियन अंडे जन्म के समय से ही मौजूद होते हैं, समय के साथ इनकी संख्या घटती जाती है। एक जीवन काल में एक स्त्री केवल 400 अण्डों की करीब ओव्युलेट कर सकती है जो की उत्पादित कूप की संख्या से बहुत कम होते हैं। इसी कारणवश, 30 -40 की उम्र में एक महिला के लिए गर्भ धारण करना मुश्किल हो जाता है क्योंकि उसके अंडाशय में अण्डों की संख्या प्राकृतिक रूप से ही कम हो जाती है। एक औरत के लिए गर्भ धारण करने का सबसे उपयुक्त समय 25 वर्ष की आयु में होता है क्योंकि इस समय अंडे सबसे श्रेष्ठ होते हैं।

इसलिए 30 वर्ष की आयु में, एक औरत के अंडाशय में पहले के मुकाबले केवल 12 % अंडे रह जाते हैं। इससे सामान्य और आसान गर्भ धारण और गर्भावस्था की सम्भावना घट जाती है। लेकिन इसके बावजूद औरत की गर्भ धारण करने की सम्भावना होती है अगर उसने ओवेरियन सर्जरी न करवाई हो और उसे ओवेरियन कैंसर न हों। बॉलीवुड और हॉलीवुड की कई हीरोइनस कई साधारण और सामान्य वर्गों की औरतों को गुमराह कर रहीं हैं की 30 से ज़्यादा की उम्र में भी वे आसानी से गर्भ धारण कर सकती हैं क्योंकि यह बिलकुल सच नहीं है। इस उम्र में गर्भ धारण करने के लिए बहुत प्रयास करना पड़ता है।

जो दंपत्ति शादी के बाद काफी समय तक फ़ैमिली प्लानिंग करते हैं, उन्हें बाद में जाकर बच्चा प्लान करते समय पछतावा होता है जब कंसीव करने में दिक्कतें आती हैं। हर औरत का शरीर अलग होता है और कभी न कभी सभी के अण्डों की संख्या कम होती जाती है।

 

उम्र के अलावा ओव्यूलेशन के लिए अंडे कम होने के कई अन्य कारण भी होते हैं जिनके बारे में नीचे चर्चा की हुई है :

  • हॉर्मोनल परिवर्तन – हाइपोथैलेमस और पिट्यूटरी ग्लैंडस ओवरीज़ पर हॉर्मोन ट्रिगर का सृजन करते हैं और इसकी वजह से अंडे परिपक्व हो जाते हैं, लेकिन जब ये ग्लैंडस ठीक तरह से काम नहीं करते तब ओव्यूलेशन में कमी आ जाती है। इसके अलावा जब ओवरीज़ में मौजूद कूप अण्डों के परिपक्व होने के लिए स्वस्थ्य वातावरण नहीं बनाते, तब भी ओव्यूलेशन में कमी आ जाती है। अपरिपक्वता से फर्टीलिटी असंभव है।
  • थाइरोइड – थाइरोइड ओव्यूलेशन में कमी का एक और कारण है। हाइपोथाइरोइडइस्म या    हाइपरथाइरोइडइस्म होने पर इसका उपचार जल्द से जल्द करवाएं। इससे ओव्यूलेशन से सम्बंधित परेशानियां दूर होंगी।
  • जेनेटिक्स – आपके जीन्स फर्टीलिटी निर्धारित करने में एक मुख्य भूमिका निभाते हैं। इसलिए अगर आपकी माँ या नानी 40 वर्ष की उम्र से पहले मेनोपॉज़ से गुज़र चुकी हैं, तब आपकी भी जल्दी मेनोपॉज़ की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए अपने परिवार के मेडिकल इतिहास के बारें में जानकारी ज़रूर रखें, फर्टीलिटी से सम्बंधित किसी भी समस्या को आप आसानी से पकड़ में लेकर इसका उपचार करवा सकती हैं।
  • मोटापा – वज़न बढ़ना भी औरत के शरीर में बिगड़ती ओवुलेशन क्रिया का एक अन्य कारण हो सकता है। इसकी वजह से फर्टीलिटी पर प्रभाव पड़ता है।
  • ज़ख़्मी अंडाशय –  अंडाशय में ज़ख्म या सूजन होने पर भी अंडे ख़राब हो जाते हैं या ओव्यूलेशन के लिए परिपक्व नहीं हो पाते।
  • लाइफस्टाइल या जीवनशैली – न सिर्फ आपकी उम्र, जेनेटिकल इतिहास और हॉर्मोन्स बल्कि आपकी लाइफस्टाइल भी आपके फर्टीलिटी स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती है। स्मोकिंग एक बहुत प्रमुख कारण है जिसकी वजह से महिलाएं सामान्य समय से 4 -5 वर्ष पूर्व ही जल्दी मेनोपॉज़ की शिकार हो जाती हैं क्योंकि स्मोकिंग से क्रोमोज़ोम्स को क्षति पहुँचती है। फैटी और अनुचित खाना खाने से, सामान्य से कम वज़न होने से भी अण्डों की परिपक्वता पर असर पड़ता है। स्ट्रेस, अनियमित सोने का समय, शराब और कॉफ़ी का सेवन भी कुछ अन्य कारण हैं जिनकी वजह से महिलाओं में अण्डों की कमीं हो जाती है।

 

नीचे कुछ घरेलु नुस्खों की चर्चा की गयी है जिनको अपना कर आप अपने शरीर में अण्डों के उत्पादन को बढ़ा सकतीं हैं –

रिसर्च के मुताबिक यह स्थापित किया गया है की जैसे जैसे एक महिला की उम्र बढ़ती जाती है वैसे उसके शरीर में अण्डों का उत्पादन घाट जाता है, लेकिन हाल ही में हुई रिसर्च के मुताबिक ओवरीज़ में मौजूद स्टेम सेल्स भी औरत के प्रजनन चक्र के दौरान अण्डों के उत्पादन को पुनर्जीवित कर सकते हैं। इसलिए अगर आपकी गर्भ-धारण करने की गुणवत्ता काम हो गयी है, तब आप निराश न हो, इस विधि को अपना कर आपको भी फायदा हो सकता है। ऐसा करने के लिए आपको कम स कम 90 दिनों तक हैल्थी और स्वस्थ लाइफस्टाइल को अपनाना होगा।

 

1) हैल्थी डाइट को अपनाएं-

सभी हैल्थी पदार्थ जैसे ब्रोकोली, रावस मछली, हल्दी, अदरक और हरी सब्ज़ियों का सेवन करें। कैफीन, शराब और फैटी पदार्थों से दूर रहने की कोशिश करें क्योंकि इनसे अण्डों के उत्पादन पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

 

2) स्ट्रेस कम करें-

छोटी छोटी चीज़ों को लेकर परेशान न होएं क्योंकि आप जितना स्ट्रेस लेंगी, उतना ही आपके हॉर्मोन्स और अण्डों के स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा। स्ट्रेस से आपके शरीर में कोर्टिसोल और प्रोलैक्टिन रिहा होते हैं और ये ओव्यूलेशन और अण्डों के उत्पादन पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं।

स्ट्रेस को दूर करने के तरीके-

  • रोज़ सैर करने जाएं, शांत रहने का प्रयास करें और मेडिटेट करें।
  • जिन चीज़ों से आपको ख़ुशी मिलती हैं, उन चीज़ों के बारे में सोचें कोई अच्छी किताब पढ़ें
  • अगर ज़रुरत पड़े तो किसी थेरेपिस्ट की मदद लें
  • मालिश करवाएं

 

3) ढेर सारा ऑक्सीजन लें-

नए अण्डों को खूब सरे ऑक्सीजन की ज़रुरत होती है। खूब सारा पानी पीएं और नियमित रूप से वर्कआउट करें; इससे आपका रक्त संचार बढ़ेगा और आपके शरीर को ताज़ा ऑक्सीजन प्राप्त होगा।

 

5) हॉर्मोनल संतुलन-

स्ट्रेस, खाना और कई प्राकृतिक प्रभावों की वजह से हॉर्मोन्स पर असर पड़ता है। ताज़े फल, सब्ज़ियां और हैल्थी फैट्स का सेवन कर कर अपने शरीर से खराब और दूषित हॉर्मोन्स को दूर करें। शरीर में संतुलित FSH लेवल बनाएं रखने पर ध्यान दें। शरीर में हॉर्मोन्स को सामान्य और संतुलित स्थिति पर लाकर अण्डों के उत्पादन और ओव्यूलेशन पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा।

 

अण्डों के उत्पादन का कोई विपरीत उपाय है ?

हालांकि IVF और मच्योर हुए अण्डों को फ्रीज कर कर बाद के लिए स्टोर करने की तकनीकें अपनाई जाती हैं, स्टेम सेल्स और स्वास्थ्य फर्टिलिटी के द्वारा सीधे और सरल घरेलु उपाय अपनाना ज़्यादा अक्लमंदी का काम है। अब आप जान ही चुकी होंगी की एक औरत के जीवनकाल में कितनी जल्दी अण्डों का उत्पादन घट जाता है, इसलिए अगर आप बच्चे प्लान कर रहीं है, तब आपको ऊपर चर्चित सभी विषयों पर गौर कर कर आगे प्लान करना चाहिए।

 

चित्र स्त्रोत – Pixabay, pexels, wikipedia, flickr

Sonal Sardesai

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