Home / Uncategorized / हमारा बचपन हमारे बच्चों के बचपन से कैसे अलग है?
बचपन, यूँ तो यह शब्द सुनते ही हमें अपना बचपन याद आ जाता है और याद आ जाती हैं बचपन की कुछ खट्टी मीठी यादें। यह हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण भाग होता है, जैसे किसी भवन को मजबूत बनाने के लिए उसकी नीँव का मजबूत होना बहुत जरुरी है ठीक वैसे एक सुन्दर जीवन के लिए यादगार बचपन होना बहुत जरुरी है। चाहे वो खेल कूद हो या खिलौने आज का बचपन हमारे बचपन से बहुत अलग है।
आज हम चर्चा करेंगे कुछ ऐसे विषयों पर जिनमें हमारा बचपन आज से अलग है।
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हमारे समय में हमें आउटडोर गेम्स में ज्यादा रूचि होती थी। लेकिन आज कल तकनीकी विकास के बाद ज्यादातर बच्चें इंडोर गेम्स जैसे वीडियो गेम्स खेलना ज्यादा पसंद करते हैं। ये बच्चे आउटडोर गेम्स खेलने के लिए गलियों या मैदान की अपेक्षा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में जाते हैं।
अगर हम खान पान की बात करें तो यहाँ भी काफ़ी बदलाव आ गया है। पहले हम घर का खाना ज्यादा पसंद करते थे मगर आज के बच्चें घर के खाने की तुलना में पिज़्ज़ा बर्गर जैसे जंक फूड्स खाना ज्यादा पसंद करते हैं। यही कारण है की आजकल बच्चों में भी बीमारियां बढ़ गयी है।
तकनीकी के विकास के बाद स्कूल के काया कल्प में भी बहुत बदलाव आया है। आजकल बच्चों को स्कूल में बैग ले कर जाने की ज़रूरत नई होती है उन्हें किताबें रखने के लिए स्कूल में ही लॉकर की सुविधा होती है। कहीं कहीं तो ऑनलाइन पढाई भी होती है जो हमारे समय में नहीं उपलब्ध थी।
आजकल के खिलौने भी हमारे खिलौनों से बहुत अलग है। हमारे समय में हम प्लास्टिक के साधारण खिलौनों से खेलते थे मगर आज कल बाज़ार में तकनीकी से लैस खिलौने उपलब्ध हैं जो कि हमारे बच्चों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।
आजकल हम अपने बच्चों के जन्म से लेकर उनके बड़े होने तक एक एक पल को कैद कर लेते हैं जो कि हमारे समय में इतना आसान नहीं था। उस समय सबके पास मोबाइल नहीं होता था और जिनके पास होता था उसमें भी इतना अच्छा कैमरा नहीं होता था इसीलिए हर वक़्त फोटो लेना संभव नहीं था।
अगर हम शौक की बात करें तो तकनीकी के विकास के साथ ही उसमें भी बदलाव आ गया है। मोबाइल फ़ोन्स, टैबलेट्स का प्रचलन काफ़ी बढ़ गया है और बच्चें भी फैशन और सेल्फी के शौक़ीन हो गए है।
हमारे समय के बच्चों के लिए सेविंग्स का मतलब चुक्के में सिक्के डालना ही था मगर आजकल के बच्चे एक अच्छी रकम सेव कर लेते हैं।
आजकल के बच्चों को मोबाइल फ़ोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स से बहुत लगाव होता है बहुत कम उम्र के बच्चें भी इसका इस्तेमाल करना जानते हैं।
मगर बचपन तो बचपन ही होता है और हम हो या हमारे बच्चें सबको बचपन और उसकी यादें उतनी ही प्यारी होती हैं। इसे देख कर अगर आपके भी बचपन की कुछ यादें ताज़ा हुई हैं तो आप उन्हें हमारे साथ शेयर कर सकते हैं।
चित्र श्रोत : Images bazar, youtube, qualcomm, the better india
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