Home / hindi recipe / Karwa Chauth 2021 Recipes: जानिए करवा चौथ के व्यंजन और व्रत के फायदे
भारत में मनाए जाने वाला हर एक पर्व किसी न किसी मान्यता पर आधारित होता है, और इनसे जुड़ी कहानियां और इनकी विशेषताएं हमें इन पर्वो को श्रद्धा से मनाने और पूर्ण रूप से इनपर विश्वास करने के लिए प्रेरित करती हैं। इसके अलावा प्रत्येक पर्वों का महत्व और समय पूर्ण रूप से मौसमों के अनुकूल होता है, जो मौसम बदलने से लेकर पूरी तरह से हमारे स्वास्थ्य और खानपान से जुड़ा होता है। जैसे साल के प्रारंभ में होली हल्की गर्मी और दिवाली अपने साथ हल्की सर्दी के आभास को अपने साथ लेकर आती हैं। इसके साथ ही साल में दो बार आने वाले नवरात्रों में स्वस्थ खानपान बदलते मौसमों में हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता का पूर्ण रूप से खयाल रखते हैं।
दिवाली से कुछ दिन पहले ही आने वाला करवा चौथ का व्रत भी इस दौड़ में अपनी जगह बनाए हुए है। इम्यूनिटी बढ़ाने, वेट लॉस, लम्बी उम्र और स्वस्थ शरीर जैसे यह कई फायदों वाला यह व्रत सबसे कठिन व्रतों की श्रेणी में आता है।
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करवा चौथ हिन्दू धर्म में मनाया जाने वाला एक पर्व है, जिसमें महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखती है। एक चीज जो इस व्रत को खास और हम कह सकते हैं कि कठिन बनाती है, वह है इस व्रत में निर्जल रहना। करवाचौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। जो कि सुबह सूर्योदय से पहले करीब 4 बजे से शुरू होकर रात में चंद्रमा दर्शन पर संपूर्ण होता है। पति की दीर्घायु एवं अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन भालचन्द्र गणेश जी की अर्चना की जाती है। यह व्रत 12 वर्ष तक अथवा 16 वर्ष तक लगातार हर वर्ष किया जाता है। अवधि पूरी होने के पश्चात इस व्रत का उद्यापन (उपसंहार) किया जाता है। जो सुहागिन स्त्रियाँ आजीवन रखना चाहें वे जीवनभर करवा चौथ का व्रत (karva chauth ka vrat) कर सकती हैं।
करवा चौथ का व्रत पति और पत्नी के अटूट प्रेम और एक दूसरे के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है, प्राचीन काल से ही महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए इस व्रत को करती हुई आ रहीं हैं, जिसमें वह अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए मां पार्वती की पूजा करती है।
करवा चौथ के व्रत और पूजा को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं। कहा जाता है कि जब यमराज सत्यवान के प्राण लेने आए तो सावित्री अन्न, जल त्याग विलाप करने लगी, जिसपर यमराज ने सावित्री से अपने पति के प्राणों के बदले कोई दूसरा वार मांगने को कहा,
जिसपर सावित्री ने पुत्रवती होने का वरदान माँगा और वचन में बंधने के कारण यमराज को सत्यवान के प्राण लौटाने पड़े। और तब से ही इस व्रत को मनाने की परंपरा है।
करवा चौथ की एक अन्य कहानी द्रौपदी से भी जुड़ी है, कहा जाता है कि जब अर्जुन नीलगिरी की पहाड़ियों में घोर तपस्या के लिए गए, तब बाकी चारों पांडवों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। द्रौपदी ने जब अपनी समस्या भगवान कृष्न को बताई तो भगवान कृष्न ने द्रौपदी को karva chauth ka vrat रखने की सलाह दी थी।
1.व्रत के दिन प्रातः स्नानादि करने के पश्चात संकल्प लेकर व्रत का आरंभ करे।
2.पूरे दिन निर्जला रहें।
3.दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे चावलों के घोल से करवा चित्रित करें। इसे वर कहते हैं।
4.आठ पूरियों की अठावरी के साथ-साथ पक्के पकवान बनाए।
5.पीली मिट्टी से माँ गौरी और भगवान गणेश की मूर्ति को आकार दे।
6.माँ गौरी सभी साज समान के साथ श्रृंगार करें।
7.भेंट के लिए करवा में गेंहू और ढक्कन में शक्कर का बुरा भर दें।
8.रोली से करवा पर स्वस्तिक बनाए।
9.करवा पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा कहें या सुनें। और घर के बड़ों का आशीर्वाद लें।
10.रात्रि में चन्द्रमा निकलने के बाद छलनी की ओट से उसे देखें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें।
11.इसके बाद पति से आशीर्वाद लें। उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी भोजन कर लें।
करवा चौथ के मौके पर आप कुछ जरूरी समान न भूलें उसके लिए पहले से ही चेक लिस्ट जरूर बनालें, ताकी व्रत के दिन आप अपनी एकाग्रता को खोने और बाजर की दौड़ भाग से बचे रहें।
1.पूजा सामाग्री किसी भी व्रत की चेक लिस्ट में जुड़ने वाली पहली सामाग्री है। रोली, चंदन, धूप, कलावा, दिया, तेल, हल्दी, चांवल आदि सभी आवश्यक सामाग्री जो पूजा के लिए आवश्यक होती है।
2.सरगी आपकी पूरे दिन की ऊर्जा को बनाए रखने के लिए, सास द्वारा अपनी बहु को दिया गया एक प्रकार का नाश्ता होता है, जो हम इस व्रत की खासियत कह सकते हैं।
3.करवा चौथ थाली व्रत के समापन के समय उपयोग किया जाने वाला प्रत्येक समान जिसकी आपको आवश्यकता पड़ेगी।
4.चलनी इस त्योहार का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। जिससे आप अपने जोड़ीदार की झलक पातें हैं।
5.करवा, पानी से भरा एक बर्तन जो आपके व्रत तोड़ने के काम में आता है।
6.नए कपड़े और शृंगार जोड़ा जिसे आप पूजा के बाद घर में उम्र में बड़ी शादीशुदा महिला को भेंट के रूप में देते हैं।
7.कथा पुस्तक करवा चौथ में व्रत की कथा पढ़ने और सुनाने के प्रयोग में लाई जाती है, अगर आप इसे कंठस्थ सुना सकते हैं, तो आप इसे अपनी चेक लिस्ट से हटा सकते हैं।
8.करवा मूर्ति या चित्र जिसकी आप पूरे दिन के अन्तराल में पूजा करते हैं।
हमारे देश में त्यौहार कोई भी हो उनको विदाई स्वादिष्ट पकवानों के साथ ही दी जाती है, और जब आप सुबह से निर्जल व्रत कर रहे हों तो स्वादिष्ट पकवानों का मजा दुगुना हो जाता है। आइए देखे कुछ ऐसे ही 5 करवा चौथ के व्यंजन जिन्हें आप इस करवा चौथ में बनाकर अपनी दिन भर की भूख को एक स्वादिष्ट आराम दे सकते हैं।
करवा चौथ का व्रत तोड़ने के लिए जलेबी और रबड़ी से बेहतर डिश भला और क्या हो सकती है, मुह में कुरकुरी जलेबी की आवाज और साथ में रबड़ी का जलेबी की मिठास को संतुलित करते हुए मुह में घुलना एक अलग ही दुनिया में होने का एहसास करवाता है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो जलेबी और रबड़ी सिर्फ एक दूसरे के ही साथ के लिए बने हैं। जलेबी और रबड़ी बनाने की विधि आप यहां देख सकते हैं।
पूरे दिन की भूख और थकान के बाद शरीर को कुछ ऐसा चाहिए होता जो आपके पेट के साथ-साथ आपके दिल को भी खुश करदे। और एक लंबी थकान के बाद चांवल अपना यह कम बहुत अच्छी तरह से करता है। इसके साथ ही कटी और भुनी सब्जियों का मिश्रण इस डिश को पूरी तरह से एक फुल मील बनाने का काम करती है। वेज पुलाव बनाने की विधि आप यहां देख सकते हैं।
भारतीय व्यंजनों में कई तरह की कचौरी बनाई जाती है। य़ह एक लोकप्रिय स्ट्रीट फूड भी हैं। कचौरी एक भरवां गोल ब्रेड है जिसे डीप फ्राई किया जाता है। स्टफिंग सब्जियों से लेकर दाल और यहां तक कि सूखे मेवों तक अलग-अलग हो सकती है। मटर कचौडी आपके करवा चौथ के व्रत में स्टार्टर के रूप में परोसे जाने के लिए एक शानदार विकल्प हो सकता है। मटर कचौड़ी बनाने की विधि आप यहां देख सकते हैं।
पूरे दिन की थकान के बाद आपके शरीर में ठंडक और तरावट लाना का सबसे अच्छा और असरदार तरीका, दही भल्ले उत्तर भारत में विशेष रूप से दिल्ली और पंजाब में एक लोकप्रिय नाश्ता है। जिसे इमली और हरी चटनी के साथ परोसा जाता है। दही भल्ले आपकी karva chauth recipes में शामिल होने के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है, इसका स्वाद घर में सबको पसन्द आता है। दही भल्ले बनाने की पूरी विधि आप यहाँ देख सकते हैं।
एक मुख्य भोजन के रूप में राजस्थानी स्पाइसी दाल ढोकली आपकी आपकी करवा चौथ रेसिपी में जुड़ने के लिए एक नया अनुभव हो सकता है, राजस्थान के मसालों के स्वाद से भरी यह डिश दाल और गेंहू के आटे से बनाई जाती है, जो कि आपका सिर्फ 30 मिनट का समय लेने वाली है। मसालेदार इस रेसिपी को बनाने के लिए ढोकली के टुकड़ों को गाढ़ी दाल में पकाया जाता है। दाल में डाले गए मसालों और कुरकुरे मूँगफली के दानों की वज़ह से दाल ढोकली का स्वाद और भी बढ़ जाता है। दाल ढोकली बनाने की पूरी विधि आप यहाँ देख सकते हैं।
करवा चौथ का व्रत सिर्फ एक पर्व ही नहीं ब्लकि यह पति पत्नी के अटूट प्रेम के रिश्ते को दिखाता है। और दिन भर निर्जल उपवास से एक दूसरे प्रति श्रद्धा भाव को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण योगदान है। हमारे ब्लॉग karva chauth 2021 में हमने आपको करवा चौथ के व्रत, नियम और इसके दौरान बनाए जाने वाली कुछ स्वादिष्ट रेसिपी से परिचित कराया है। कैसा लगा आपको हमारा ये ब्लॉग हमें बताएं और ऐसी ही नई जानकारी के लिए जुड़े रहे BetterButter के साथ।
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