Home / Hair care products / Mulberry Benefits: शहतूत के अद्भुत फायदे, उपयोग और नुकसान, जानें कैसे?
मोरस अल्बा वाले शहतूत को सबसे पहले चीन में उगाया गया था। लेकिन अब स्वाद में मीठा लगाने वाले इस फल को दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में उगाया जाने लगा है। साथ ही अब अपने देश में यह पंजाब, कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और उत्तरी पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में उगाया जाता है। साथ ही ये अलग-अलग क्षेत्रों में लाल, काले और नीले रंगों में पाया जाता है। इन सबमें अमेरिकी शहतूत और काले शहतूत का स्वाद बेहतरीन होता है। साथ ही इस फल के प्रति लोगों में हमेशा से एक विशेष आकर्षण भी रहा है।
हालांकि कुछ को तो मीठे फल भी ज्यादा पसंद आते हैं, तो कुछ को इनकी खटास में मजा आता है। इसलिए आज हम बेटर बटर के इस आर्टिकल में आपको ऐसे ही एक फल के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने रसीले और खट्टे-मीठे स्वाद के कारण लोगों में काफी मशहूर है। साथ ही हमारे कई पाठकों का सवाल रहता है, कि मुझे एक दिन में कितने शहतूत खाना चाहिए? और शहतूत का जूस पीने से क्या होता है? जैसे सवालों का जबाव देने हम यहां आए है। तो आइए बिना देर किए जानते है, शहतूत के फायदे, उपयोग और नुकसान के बारे में।
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शहतूत में कई जरूरी पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो इसे कई गंभीर समस्याओं के लिए उपयोगी औषधि बना देते हैं। स्वास्थ्य के साथ-साथ इसका उपयोग त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद माना गया है। इसलिए आज इस लेख में बताएंगे शहतूत के फायदे और स्वास्थ्य लाभ के बारे में।
शहतूत के जूस में मौजूद रेस्वेराट्रोल एक बहुत ही जरुरी फ्लैवोनॉइड एंटीऑक्सीडेंट है। ये सीधे रक्त वाहिकाओं में कुछ तंत्र के कार्यों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है, जिससे कि रक्त वाहिका में संकुचन पैदा हो सकती है। दरअसल रिवेराट्रोल नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन में वृद्धि करके रक्त वाहिकाओं को आराम पहुंचाता है। इस प्रकार ये रक्तचाप को नियंत्रित कर सकता है।
शहतूत के फल में पाया जाने वाला विटामिन K, कैल्शियम, लोहा, फास्फोरस और मैग्नीशियम हड्डियों के ऊतकों के निर्माण और रखरखाव के लिए बेहद ही फायदेमंद साबित होते हैं। ये हड्डियों में मजबूती बनाए रखते हुए, उपचार की प्रक्रिया में तेजी या हड्डियों के क्षति को ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के साथ ही अन्य आयु से संबंधित हड्डियों की विकार को रोकने के लिए भी जरुरी होता है।
शहतूत के बीज में फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो कि पाचन में सुधार करके भोजन की गति बढ़ाकर कब्ज, ब्लोटिंग और ऐंठन की समस्या को कम करता है। इसके अतरिक्त फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियमित करने में भी मददगार होता है। साथ ही नियमित रूप से इसका सेवन हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
शहतूत खाने के फायदे तो कई है, लेकिन ये कैंसर जैसी गंभीर बिमारी से मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्योंकि इसमें थोकायनिन, विटामिन सी, विटामिन ए और अन्य पॉलीफेनोलिक और फ़यटोनुट्रिएंट्स यौगिकों की भरपूर मात्रा पाई जाती है। साथ ही एंटीऑक्सिडेंट मुक्त कणों के खिलाफ हमारी भी रक्षा करते हैं, जिससे कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है।
वजन घटाने का ये सबसे मजेदार तरीका हो सकता है। क्योंकि शहतूत फल की मिठास आपको स्वाद के साथ-साथ वजन घटाने में भी मदद कर सकते हैं। साथ ही एक शोध के अनुसार इसमें भूख को दबाने की भी शक्ति पाई गई है।
शहतूत में विटामिन ए और विटामिन ई भी भरपूर मात्रा में पाए जाते है। इसके अलावा इसमें लोटिन, बीटा कैरोटीन, ज़ा-एक्सथिन और अल्फा कैरोटीन जैसे कैरोटेनोइड घटक भी उपलब्ध होते हैं। साथ ही ये सभी तत्व एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करते हुए त्वचा, ऊतक, बाल और शरीर के अन्य क्षेत्रों को भी प्रभावित करते है। इसके अलावा शहतूत त्वचा को मुलायम रखने में भी मदद करता हैं।
रक्त संचार के लिए आप शहतूत के पत्ते को पीसकर पी सकते है। क्योंकि इसमें लोहा प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। साथ ही ये शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को भी काफी बढ़ाने में सहायक होता है। इससे शरीर महत्वपूर्ण ऊतकों और अंग प्रणालियों के लिए ऑक्सीजन के वितरण में वृद्धि होता है और चयापचय एवं ऑप्टिमाइज़ कार्यक्षमता को बढ़ावा देने में भी मदद मिलती है।
शहतूत के फायदे तो कई है, लेकिन इसमें मौजूद विटामिन सी हमारे शरीर के प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है। इसके अलावा इस फल में मौजूद खनिजों और विटामिनों के साथ मिलकर यह बीमारी के खिलाफ हमारी रक्षा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
शहतूत में पाए जाने वाले कई तत्वों में कैरोटीनॉइड भी है, जो कि ज़ियेजैंथिन रेटिना मैक्यूला ल्यूटिया सहित कुछ ऑकुलर कोशिकाओं पर ऑक्सीडेटिव तनाव में कमी लाती है। इसके अतिरिक्त ज़ियेजैंथिन एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हुए रेटिना को होने वाले नुकसानों को भी कुछ हद तक रोकता है।
शहतूत का अर्क ग्लाइफोसेट से मस्तिष्क की सुरक्षा करता है। साथ ही यह यौगिक ऑक्सीडेटिव तनाव का कारण बन सकता है। साथ ही ये पार्किंसंस रोग से भी जुड़ा हुआ है। हालांकि काले शहतूत में सीखने की कमी में सुधार और मेमोरी रिटेंशन जैसे अनुकूल प्रभाव भी पाए जाते हैं।
शहतूत के फायदे जानने के बाद अब हम आपको इसके पोषक तत्वों के बारे में बताने वाले है।
पोषक तत्व की मात्रा प्रति 100 ग्राम में:
शहतूत क्या है और इसका इस्तेमाल क्यों फायदेमंद है, यह तो आप अच्छे से जान ही गए होंगे। वहीं, आपको इसके उपयोग के तरीके और ली जाने वाली उचित मात्रा के बारे में भी पर्याप्त जानकारी हासिल हो गई होगी। हमने इस लेख के माध्यम से इसके फायदों के बारे में भी क्रमवार जानकारी दी है, जिसमें सेहत, त्वचा और बालों के लिए शहतूत के फायदे अलग-अलग समझाए गए हैं।
वहीं, लेख के अंत में शहतूत खाने के नुकसान भी बताए गए हैं, ताकि आप इसका सुरक्षित इस्तेमाल कर सकें। साथ ही ये लेख अगर आपको पसंद आया है, तो आज ही दोस्तों और परिवार वालों के साथ जरूर साझा करें। ताकि वो भी इस शहतूत के बारे में अच्छे से जान पाएं। साथ ही अपनी बात हमें कमेंट बॉक्स में लिख सकते है, जिसका हमें बेसब्री से इंतज़ार रहता है।
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