भारत में खाये जाने वाली विभिन्न फसलों में से एक है तिल। तिल का सेवन भारतीय आहार में एक खाद्यान्न के साथ-साथ तेल के रूप में भी किया जाता है। तिल के लड्डू, तिल की गजक व तिल से बने अन्य व्यंजन जहां सर्दियों में अधिक खाये जाते हैं, वहीं तिल का तेल का सालों भर खाया जा सकता है। और हो भी क्यों न, तिल के तेल का इस्तेमाल करने के फायदे जो इतने सारे हैं। इस आर्टिकल sesame oil benfits in Hindi में हम चर्चा करेंगे तिल के तेल के विभिन्न फायदो के बारे में। तो आइए जानते हैं विस्तार से।
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तिल भारत में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों में से एक है। वानस्पतिक भाषा में इसे सेसामम इंडिकम कहा जाता है। तिल में विभिन्न तरह के विटामिन जैसे विटामिन के, विटामिन डी, विटामिन ई, विटामिन बी इत्यादि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। तिल का सेवन शरीर में फॉस्फोरस की आपूर्ति भी करता है। तिल में प्रोटीन भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। तिल के ये गुण इसे हमारी सेहत के लिए बहुत लाभदायक बनाते हैं। तिल यूं तो पूरे विश्व भर में उगाया जाता है पर म्यांमार, भारत और चीन इसके प्रमुख उत्पादक देश हैं। भारत में सामान्यतः सुनहरे रंग के तिल के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। तो आइये जानते हैं तिल के तेल के कुछ प्रमुख फायदे:-
तिल के फायदे प्राप्त करने के लिए तिल के तेल का सेवन सर्वश्रेष्ठ रहता है। तिल के तेल में विभिन्न प्रकार के खनिज और विटामिन पाए जाते हैं, जो इसे हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद और औषधीय रूप से महत्वपूर्ण बनाते हैं। खाना बनाने के साथ-साथ तिल के तेल का इस्तेमाल कई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स व दवाओं के उत्पादन (uses of til oil in hindi) में किया जाता है। आयुर्वेद में भी तिल के तेल का अत्यंत महत्व माना गया है। तो आइये जानते हैं तिल के तेल के फायदे:-
अपने आहार में नियमित रूप से तिल के तेल का सेवन शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। तिल के तेल में मौजूद तांबे और जस्ते की शरीर में आपूर्ति होने से शरीर हमेशा ऊर्जावान बना रहता है। शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए तांबा ज़रूरी घटक है। इस तरह तिल के तेल के सेवन से शरीर में पर्याप्त ऊर्जा बनी रहती है।
एक चमकती-दमकती त्वचा हम सभी पाना चाहते हैं और तिल के तेल का सेवन इसमें सहायता कर सकता है। तिल के तेल में जस्ता प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है, जो कि त्वचा की कोमलता और चिकनाहट को बनाये रखता है। इससे त्वचा ख़ुश्क नहीं होती, झुर्रियां नहीं पड़ती और आप लंबे समय तक जवान दिख सकते हैं। त्वचा पर तिल के तेल की मालिश से त्वचा पर एक सुरक्षा कवच बन जाता है, जिससे सूरज की हानिकारक किरणों और प्रदूषण के कणों से बचाव होता है। तिल के तेल का इस्तेमाल फंगल इंफेक्शन से लड़ने में भी कारगर होता है।
दंत विशेषज्ञों द्वारा स्वस्थ दांतों के लिए तिल के तेल के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। तिल के तेल में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं और नियमित रूप से तिल के तेल के कुल्ले करने से मुंह में मौजूद हानिकारक किटाणु नष्ट हो जाते हैं। इससे मुंह स्वच्छ बना रहता है तथा दांत चमकदार बनते हैं। तिल के तेल के कुल्ले करने से Plaque भी कम हो जाता है।
तिल में विभिन्न प्रकार के खनिज तत्व जैसे कैल्शियम, तांबा, जस्ता आदि पाए जाते हैं। तिल के तेल के नियमित सेवन से शरीर में इन सभी खनिज तत्वों की आपूर्ति होती है, जिससे हड्डियां मजबूत और स्वस्थ बनती हैं। तिल के तेल में प्रचुरता में पाया जाने वाला तांबा सूजन को कम करके विभिन्न प्रकार की हड्डी संबंधी समस्याओं जैसे जोड़ों का दर्द और ऑस्टियोपोरोसिस आदि में राहत पहुंचाता है। घुटनों में अगर लंबे समय से दर्द बना हुआ है, तो भोजन में तिल का तेल खाने के अलावा नियमित रूप से तिल के तेल की मालिश करें। इससे शरीर में रक्त संचरण बेहतर होगा और दर्द से राहत मिलेगी।
तिल के तेल में पाया जाने वाला टायरोसीन नामक एमिनो एसिड आपको खुश रखने में भी सहायक हो सकता है। टायरोसीन से शरीर में उन एन्ज़ाइम्स और होर्मोन्स का संचार होता है, जो कि आपको सकारात्मक और खुश महसूस करवाते हैं। तिल के तेल में सेरोटोनिन भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जिससे यह तनाव दूर करने और अवसाद से लड़ने में सहायक होता है।
तिल के तेल का स्वाद आपके दिल को खुश करने के साथ-साथ दिल को मजबूत बनाने का काम भी करता है। तिल में मौजूद सेसमिन, सेसमोल और विभिन्न पॉली अनसैचुरेटेड फैटी अम्ल शरीर में कॉलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखते हैं। इसके अलावा ये तत्व पहले से जमा अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल का भी नाश करते हैं जिससे हमारे शरीर में मौजूद धमनियां सख्त नहीं होती और हृदय आसानी से रक्त प्रवाहित कर पाता है। इस तरह हृदय पर अधिक दबाव नहीं पड़ता और दिल के दौरे व अन्य हृदय रोगों से बचाव होता है।
तिल के तेल का इस्तेमाल खाने के साथ-साथ बालों के लिए भी किया जा सकता है। तिल के तेल के इस्तेमाल से बाल अधिक काले और मजबूत होते हैं। तिल के एंटी-बैक्टेरियल और एंटी-फंगल गुण डैंड्रफ से बचाने में भी कारगर होते हैं। इसके लिए अपने बालों में नियमित रूप से तिल के तेल की मालिश करें और बालों को चमकदार बनाएं।
उपरोक्त लाभों के अतिरिक्त तिल के तेल के इस्तेमाल का लाभ कैंसर से बचाव, आंख संबंधी बीमारियों, खांसी से बचाव इत्यादि में भी होता है। आंख संबंधित बीमारियों में काले तिल के फायदे अधिक होते हैं। तिल के तेल के अलावा सर्दियों में सफेद तिल खाने के फायदे और तिल और गुड़ के लड्डू के फायदे भी ढेर सारे होते हैं। हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि तिल के तेल व तिल का सेवन सीमित मात्रा में ही करें, अन्यथा इससे एलर्जी, पाचन तंत्र की परेशानी, आंखों में सूजन एवं नाक बहना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
तिल खाने के फायदे देखते हुए भारत में तिल के तेल का सेवन प्रमुखता से किया जाता है। इस आर्टिकल में हमने आपसे तिल का तेल इस्तेमाल करने के फायदे (Sesame oil benefits in hindi) साझा किए। कैसा लगा आपको हमारा ये आर्टिकल, हमें बताइये, साथ ही इसे शेयर कीजिये अपने दोस्तों और परिवार जनों के साथ। ऐसी ही अनमोल जानकारी और नई-नई रेसिपीज़ के लिए जुड़े रहिये BetterButter के साथ।
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हिमांशु एक लेखक हैं और उन्हें खान-पान, आयुर्वेद, अध्यात्म एवं राजनीति से सम्बंधित विषयों पर लिखने का अनुभव है। इसके अलावा हिमांशु को घूमना, कविताएँ लिखना-पढ़ना और क्रिकेट देखना व खेलना पसंद है।
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